Mere baba

साईं बाबा अपने शिष्य के साथ बैठे आध्यात्मिक विषय पर बातें कर रहे थे कि तभी एक बूढ़ा व्यक्ति रोता-पीटता आया और हाथ जोड़कर साईं बाबा के सामने आकर जोर-जोर से रोने लगा| "क्या हो गया बाबा ?" - एक शिष्य ने उस बूढ़े से पूछा|. "मेरा जवान लड़का मर गया| मेरे पास उसे कफन-दफन करने के लिए एक पैसा भी नहीं|" वह निरंतर आँसू बहाये जा रहा था| साईं बाबा ने उसकी ओर देखा और पूछा - "कब मरा लड़का ?" "आज दोपहर| मैं कई जगह गया, पर किसी ने मेरी कोई मदद नहीं की|" "जब तुम्हारे पास स्वयं ही इतने सारे रुपये हैं, तो कोई तुम्हारी मदद क्यों करता|" यह कहकर साईं बाबा हँसने लगे| "साईं बाबा !" बूढ़ा गिड़गिड़ाकर बोला - "मेरे पास तो इस समय एक फूटी कौड़ी भी नहीं है|" "झूठ बोलते हो|" साईं बाबा ने कहा - "अपनी जेब में हाथ डालो| वहां पैसा-ही-पैसा भरा पड़ा है|" जब उस बूढ़े ने जेब में हाथ डाला, अचानक ढेरसारे नोट निकल आये| वह हैरानी से देखता रह गया| आश्चर्य के मारे आँखें फटी-सी रह गयीं| "जाओ, अपना काम करो|" साईं बाबा ने कहा| वह बूढ़ा साईं बाबा की जय-जयकार करता वहां से चला गया| सारे शिष्य हैरानी के साथ सारा दृश्य देखते रह गये| उस बूढ़े की फटी हुई जेब से रुपया-ही-रुपया निकलना बहुत ही आश्चर्य की बात थी| सबने इसे साईं बाबा का एक चमत्का
र माना और बाबा कि जय-जयकार करने लगे| साईं बाबा का यह चमत्कार अद्भुत था.

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